🙏 *आदरणीय, सम्माननीय भारत देश के आदिवासी,*
*राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी मिशन स्थापना दिवस समारोह के मौके पर दिनांक 2 अप्रैल 2023 दिन रविवार को जिला मुख्यालय सिवनी पोलिटेकनिक कॉलेज ग्राउंड भारत देश के सबसे सीनियर नेता, सबसे अनुभवी नेता माननीय शरद पवार साहब, झारखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय हेमंत सोरेन साहब, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ साहब, पूर्व मुख्यमंत्री माननीय दिग्विजय सिंह साहब, पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल साहब राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मिशन आदिवासी बचाओ आंदोलन बिरसा ब्रिगेड के संस्थापक, माननीय इंजीनियर, आधुनिक बिरसा सतीश पेंदाम साहब, भारत देश के प्रत्येक संगठन के सच्चे इमानदार, समझदार, जवाबदार पदाधिकारी और आदिवासी समाज, ओ. बी. सी. समाज और दलित समाज के इमानदार, समझदार, जवाबदार व्यक्ति शामिल होने वाले हैं। अतः आप सभी आदरणीय सम्माननीय साथियों से हाथ🙏 जोड़कर विनती है कि आप यह सामाजिक आमंत्रण को स्वीकार करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तन, मन, धन से सहयोग करें।*
*हमारी आखिरी पीढ़ी द्वारा आखिरी पीढ़ी को बचाने व जिंदा रखने के लिए किया जा रहा*
#खाज्या_नायक आदिवासी चेतना के पहले प्रखर योद्धा शहादत दिवस पर कोटि कोटि नमन जोहार । क्राँतिकारी - खाज्या नायक निमाड़ क्षेत्र के सांगली ग्राम निवासी गुमान नायक के पुत्र थे जो सन् 1833 में पिता गुमान नायक की मृत्यु के बाद सेंधवा घाट के नायक बने थे। उस इलाके में कैप्टन मॉरिस ने विद्रोही भीलों के विरूद्ध एक अभियान छेड़ा था जिसमें खाज्या नायक ने सहयोग दिया था जिसमें खाज्या नायक को ईनाम दिया गया था। बाद में 1 खाज्या को निलंबित कर दिया था यहीं से खाज्या का जीवन पलटा और उसने दो सौ आदिवासी लोगों का एक दल बना लिया था। एक हत्या के जुर्म में 1850 में ब्रिटिश सरकार ने उसे बंदी बना लिया और 10 साल की सजा दी गई। किन्तु 1856 में उसे छोड़ दिया गया और फिर वार्डन के लिए नौकरी दी गई किन्तु खाज्या ने नौकरी छोड़ दी और स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़ा। खाज्या की भूमिका - खाज्या नायक आदिवासी चेतना का पहला प्रखर योद्धा थे जिन्होंने अंग्रेजों से सीधे युद्ध किया था। सन् 1807 की क्राँति में जिसने बड़वानी क्षेत्र के भीलों की बागडोर संभाली। सन् 1857 के महासंग्राम के कुछ समय पूर्व से ही खाज्या नायक क्राँति महानायक तात्या
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