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आदिवासी समाजाची मान उचवणाऱ्या बीज माता

🙏 🚩आदिवासी समाजाची मान उचवणाऱ्या बीज माता
🚩🙏 *गोष्टी-जिद्दी माणसांच्या* *अहमदनगर जिल्ह्यातील अद्भूत निसर्ग सौंदर्य लाभलेल्याअकोले तालुक्यातील कोंभाळणे गाव हे तिचे माहेरआणि सासरही.अकोले तालुक्यातील लोकअतिशय निसर्गप्रेमी,प्रचंड कलासक्त,शेतीवरभरभरून प्रेम करणारे.हे गुण लहानपणी त्यांच्याअंगी होते.येणारे विविधआजार हे रासायनिकशेतीआणि हायब्रीड वानांमुळे तर येत नसावेअसा विचार तिच्या मनात येत.आणि मग सुरू होतो विषमुक्तशेती करण्याचा सर्वानाथक्क करणारा प्रवास.याला ती इतकी वाहून घेते की देशीअस्सल52पिकांचे114वाण तिच्याकडे साठवले जातात.पुढे बायफ या संस्थेच्या माध्यमातून कळसुबाई परिसर स्थानिक बियाणे संवर्धन संस्था स्थापन करून देशी बियाणांची बचत बँक स्थापन करते.ती स्त्री म्हणजे भारताची सीड मदर,बीजमाता पदमश्री राहीबाई पोपेरे,त्यांच्या या जगावेगळ्या कामाची दखल घेऊन भारत सरकारने त्यांना पदमश्री हा किताब देऊन सन्मान केला,त्याचबरोबर त्यांना B.B.C१०० प्रभावशाली महिला,नारीशक्ती पुरस्कार दिला.जगातील कोणत्याही आंतरराष्ट्रीय बियाणे कंपनी कडे नाहीतअसे गावठी वाण राहीबाई यांच्याकडेआहेत.नुसते वालाचे20प्रकार,गावठी पालेभाज्या,वेलवर्गीयभाज्य

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खाज्या_नायक आदिवासी चेतना के पहले प्रखर योद्धा

 #खाज्या_नायक आदिवासी चेतना के पहले प्रखर योद्धा शहादत दिवस पर कोटि कोटि नमन जोहार । क्राँतिकारी - खाज्या नायक निमाड़ क्षेत्र के सांगली ग्राम निवासी  गुमान नायक के पुत्र थे जो सन् 1833 में पिता गुमान नायक की मृत्यु के बाद सेंधवा घाट के नायक बने थे। उस इलाके में कैप्टन मॉरिस ने विद्रोही भीलों के विरूद्ध एक अभियान छेड़ा था जिसमें खाज्या नायक ने सहयोग दिया था जिसमें खाज्या नायक को ईनाम दिया गया था। बाद में 1 खाज्या को निलंबित कर दिया था यहीं से खाज्या का जीवन पलटा और उसने दो सौ आदिवासी लोगों का एक दल बना लिया था। एक हत्या के जुर्म में 1850 में ब्रिटिश सरकार ने उसे बंदी बना लिया और 10 साल की सजा दी गई। किन्तु 1856 में उसे छोड़ दिया गया और फिर वार्डन के लिए नौकरी दी गई किन्तु खाज्या ने नौकरी छोड़ दी और स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़ा। खाज्या की भूमिका - खाज्या नायक आदिवासी चेतना का पहला प्रखर योद्धा थे जिन्होंने अंग्रेजों से सीधे युद्ध किया था। सन् 1807 की क्राँति में जिसने बड़वानी क्षेत्र के भीलों की बागडोर संभाली। सन् 1857 के महासंग्राम के कुछ समय पूर्व से ही खाज्या नायक क्राँति महानायक तात्या

तस्बीर देख कर आपको को भी दुःख होगा

यह तस्वीर जीवन की बहुत बड़ी सच्चाई को बयां करती है। जब जीवन के रास्ते पर चलते चलते हम कभी ऐसे मोड़ पर आ जाते हैं जहां हमारा एक गलत क़दम हमारी प्रतिष्ठा, हमारा वजूद, हमारे जीवन को बर्बाद कर सकता है, और उस समय हमारी सहायता करने, हमें मुसीबत से निकालने के लिए कोई नही आता। इस तस्वीर को देखो, कितने दिन वो आवाज रोई होगी, कितने आंसू बहाए होंगे, कितने दिन-रातें बिन पानी, बिन रोटी गुजरी, दिल किस बात का इंतजार था। अगर हम एक पल के लिए भी उस जगह खुद को कल्पना कर लें, तो हम उस एहसास को समझ सकते हैं। तुम्हारे लिए कोई नहीं आएगा, कोई रिश्ता तुम्हारी तरफ नहीं देखेगा, तुम जो कदम उठाओगे उसके बारे में सौ बार सोचना और जो निर्णय लिया उसके बारे में हजार बार सोचना, कभी भी जल्दी निर्णय लेकर मूर्ख मत बनना, यह सोच कर जीना कि मेरा कोई नहीं है कोई आये तो खुश और कोई न आये तो भी दुखी नहीं।

आदिवासी_मांगे_भीलप्रदेश

नागा के लिए नागालैंड पंजाबी के लिए पंजाब तमिल को तमिलनाडु मिजो के लिए मिजोरम 4राज्यो में भीलो को बाट दिया भीलप्रदेश कियु नही बन सकता गुजरात मध्यप्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र के आदिवासी मांगे अपना सांस्कृतिक भौगोलिक भीली बोली स्टेट #आदिवासी_मांगे_भीलप्रदेश #TSPनगरपालिका_रद्द_करो