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Showing posts from March, 2023

आदिवासी समाजाची मान उचवणाऱ्या बीज माता

🙏 🚩आदिवासी समाजाची मान उचवणाऱ्या बीज माता 🚩🙏 *गोष्टी-जिद्दी माणसांच्या* *अहमदनगर जिल्ह्यातील अद्भूत निसर्ग सौंदर्य लाभलेल्याअकोले तालुक्यातील कोंभाळणे गाव हे तिचे माहेरआणि सासरही.अकोले तालुक्यातील लोकअतिशय निसर्गप्रेमी,प्रचंड कलासक्त,शेतीवरभरभरून प्रेम करणारे.हे गुण लहानपणी त्यांच्याअंगी होते.येणारे विविधआजार हे रासायनिकशेतीआणि हायब्रीड वानांमुळे तर येत नसावेअसा विचार तिच्या मनात येत.आणि मग सुरू होतो विषमुक्तशेती करण्याचा सर्वानाथक्क करणारा प्रवास.याला ती इतकी वाहून घेते की देशीअस्सल52पिकांचे114वाण तिच्याकडे साठवले जातात.पुढे बायफ या संस्थेच्या माध्यमातून कळसुबाई परिसर स्थानिक बियाणे संवर्धन संस्था स्थापन करून देशी बियाणांची बचत बँक स्थापन करते.ती स्त्री म्हणजे भारताची सीड मदर,बीजमाता पदमश्री राहीबाई पोपेरे,त्यांच्या या जगावेगळ्या कामाची दखल घेऊन भारत सरकारने त्यांना पदमश्री हा किताब देऊन सन्मान केला,त्याचबरोबर त्यांना B.B.C१०० प्रभावशाली महिला,नारीशक्ती पुरस्कार दिला.जगातील कोणत्याही आंतरराष्ट्रीय बियाणे कंपनी कडे नाहीतअसे गावठी वाण राहीबाई यांच्याकडेआहेत.नुसते वालाचे20प्रकार,

तस्बीर देख कर आपको को भी दुःख होगा

यह तस्वीर जीवन की बहुत बड़ी सच्चाई को बयां करती है। जब जीवन के रास्ते पर चलते चलते हम कभी ऐसे मोड़ पर आ जाते हैं जहां हमारा एक गलत क़दम हमारी प्रतिष्ठा, हमारा वजूद, हमारे जीवन को बर्बाद कर सकता है, और उस समय हमारी सहायता करने, हमें मुसीबत से निकालने के लिए कोई नही आता। इस तस्वीर को देखो, कितने दिन वो आवाज रोई होगी, कितने आंसू बहाए होंगे, कितने दिन-रातें बिन पानी, बिन रोटी गुजरी, दिल किस बात का इंतजार था। अगर हम एक पल के लिए भी उस जगह खुद को कल्पना कर लें, तो हम उस एहसास को समझ सकते हैं। तुम्हारे लिए कोई नहीं आएगा, कोई रिश्ता तुम्हारी तरफ नहीं देखेगा, तुम जो कदम उठाओगे उसके बारे में सौ बार सोचना और जो निर्णय लिया उसके बारे में हजार बार सोचना, कभी भी जल्दी निर्णय लेकर मूर्ख मत बनना, यह सोच कर जीना कि मेरा कोई नहीं है कोई आये तो खुश और कोई न आये तो भी दुखी नहीं।

आदिवासी_मांगे_भीलप्रदेश

नागा के लिए नागालैंड पंजाबी के लिए पंजाब तमिल को तमिलनाडु मिजो के लिए मिजोरम 4राज्यो में भीलो को बाट दिया भीलप्रदेश कियु नही बन सकता गुजरात मध्यप्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र के आदिवासी मांगे अपना सांस्कृतिक भौगोलिक भीली बोली स्टेट #आदिवासी_मांगे_भीलप्रदेश #TSPनगरपालिका_रद्द_करो

मूल निवासी

भारत 700 से अधिक विशिष्ट स्वदेशी या जनजातीय समुदायों का घर है, जो इसकी आबादी का 8.6% है। ये जनजातियाँ देश के विभिन्न राज्यों में बिखरी हुई हैं, जिनमें ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अधिकतम सघनता है। भारत में आदिवासी समुदायों को अक्सर आदिवासी कहा जाता है, जिसका संस्कृत में अर्थ 'मूल निवासी ' होता है। उनकी अपनी अनूठी संस्कृति, परंपराएं, भाषा और जीवन शैली है जो भारतीय समाज की मुख्यधारा से बहुत अलग है। उनकी पारंपरिक प्रथाओं, विश्वासों और जीवन के प्रति दृष्टिकोण उनकी विशिष्ट पहचान में योगदान करते हैं। भारत में जनजातीय समुदाय अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, जिसमें कला, संगीत, नृत्य, त्योहार और शिल्पकला शामिल हैं। कुछ जनजातियाँ अपनी जटिल बुनाई के लिए जानी जाती हैं जबकि अन्य अपने सुंदर लोक नृत्यों के लिए जानी जाती हैं। भारत में अधिकांश आदिवासी समुदाय अपनी आजीविका को बनाए रखने के लिए कृषि, शिकार और सभा पर निर्भर हैं। हालाँकि, समाज में तेजी से बदलाव के परिणामस्वरूप कई जनजातियों ने अपनी भूमि और संसाधनों को विकासात्मक परियोजनाओं के लिए खो दि

आस्था के नाम पर पर्यावरण से खिलवाड़

आस्था के नाम पर पर्यावरण से खिलवाड़" आस्था का हवाला देकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अब इसे नजरअंदाज करना मुश्किल हो गया है, कल मुझे जीवन में पहली बार आदिवासी देवी माया देवी माताजी के मंदिर पे जाने का मोका मिला ,लेकिन वहा जाके जो नजारा देखने को मिला उसके बाद मेरा तो दिमाग ही खराब हो गया. आप देख सकते केसे पालस्टिक के बोटोलो को नदी में फेका गया है केसे नारियल और पालस्टिल एक साथ जलाया गया है🤦🤦 क्या किया जाए इसे इंसानों का? जंगलों के बीचों में प्रकृति का मजा लेने जाते हो क्या फिर उसको नष्ट करने जाते हो?? ऊपर से वहा चार्ज भी वसूला जाता है फिर भी सफाई में कुछ नही होता🤬🤬 हमारे घर का मंदिर को तो हम साफ सुथरा रखते है तो फिर हम क्यों प्रकृति को बर्बाद करते है?? हमसे लाख गुना तो जानवर है. #प्रकृति #plasticpollution #dang #nature #adivasi #saynotoplastic #climatechange #ActNow #mayadevi ✒️ brijesh bhusara- ..

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर उन्हें नमन

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस पर उन्हें नमन । 🙏 भगत सिंह ने कहा था कि पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है। देश के युवाओं को ऐसे विचार ही रास्ता दिखाएँगे।

भगत सिंह

भगत सिंह (जन्म: 28 सितम्बर 1907[a] , वीरगति: 23 मार्च 1931) भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे। चन्द्रशेखर आजाद व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने इन्हें २३ मार्च १९३१ को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया